9/20/13

सेक्सी तान्या


मैं इलाहाबाद में रहता हु मेरी पड़ोस में एक शुक्ला परिवार बम्बई से पोस्टिंग होकर यही बस गए,शुक्ला परिवार मैं एक खुबसूरत लड़की तान्या थी.मस्त फिगर चलती तो उसके मटकती गांड को देखकर में बेकाबू हो जाता .धीरे धीरे हमारी आपस में अच्छी बनाने लगी|मेरा मन हमेशा उसे चोदने का ख्बाब देखता बस मोके कि तलाश थी .एक दिन तान्या कि माँ बोली कि उसकी इंग्लिश कमजोर है सो पढ़ने में उसकी मदद कर दिया करो .मुझे तो हा करना ही था सो अगले दिन से चार बजे शाम मैंने उसे पढ़ाना शुरू कर दिया। मैं पढ़ाता कम था और मैं मौका देख कर उसके चूचे निहारता रहता था, सुडोल चूचे,पतली कमर,होंठ लाल !मेरा मन करता था| किअभी लंड चूत में रगड़ दूँ, लेकिन में जोर जबरदस्ती नहीं चाहताथा| एक दिन शाम को मेरे घर के सभी रिश्तेदारों के यहाँ गए हुए थे .और तान्या को पढ़ा रहा था.उस दिन तान्या हल्का गुलाबी सूट पहन रखा था.और उसके चूचे हलके दिख रहे रहे थे। और सफ़ेद झीनी सलवार में उसकी खुबसूरत टाँगें की झलक आ रही थी। सलवार में से उसकी ब्लेक रंग की पेंटी नज़र आ रही थी। मेरी नज़र बार-बार उसके चूचों पर जा रही थी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और चुन्नी से अपने चूचे छुपाये बैठी थी। मैं उसे पढ़ाने लगा लेकिन उसका मन कहीं और था। अचानक उसने कहा कि क्या मेरी कोई गर्ल फ्रेंड है? मैंने चोंक कर कहा- नही के बात है आज पढ़ना नहीं है क्या उसने कहा आज कुछ और मूड है में तो उसे शरीफ समझता था लेकिन ये सवाल सुनकर में हक्का बक्का रह गया उसने मुझसे पूछा कि क्या कभी मैंने सेक्स किया है?तो मैं बोला- नही उसके बाद उसने कहा कि वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है। मैं तो कब की राह देख रहा था और पका आम अपने आप मेरी झोली में आ रहा है में तुरंत तैयार हो गया। मैंने उसे गले लगा लिया और किस करना शुरू किया, किस करते करते मैंने उसके स्तनों पर हाथ फेरनेलगा. वो भी धीरे से मेरे पजामे में हाथ डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। मैंने उसके गुलाबी सूट का हुक खोला और उसके चूचों को चूसने लगा । वो होले होले मेरे लंड को सहला रही थी| बाद मैंने धीरे से उसकी सलवार और पेंटी उतार दी। और चूत जो पहले से गीली थी। मैंने उसमे ऊँगली डाल दी तब उसने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। उसको मज़ा बहुत आ रहा था जैसे ही GSPOT पर मेने ऊँगली फेरा वो थरथरा गयी |अब वो बोली- अब इंतज़ार नहीं होता, मुझे प्लीज़ चोद दो।इसके बाद मैं उसके ऊपर लेट गया। फिर मेने लंड को चूत के उपर होले होले फेरते हुए झटका मारा वो दर्द से कसमसाई लेकिन में ने उसको जकड़ा हुआ था तो हिल भी नहीं पाई और दो झटको में चूत कि दीवार फाड़ते हुए मेरा लंड पूरा घुस गया वो कराह उठी। लेकिन वो कंट्रोल में थी' फिर फिर थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ तो धीरे धीरे लंड को थक्का देना शुरू किया अब वह हर धक्के पर आः ऊह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह कर रही थी, उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और वह अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा रही थी। उसने अपनी टांगों को मेरी टांगों से ऐसे लिपटाकर जकड लिया था जैसे लता पेड़ पर लिपट जाती है उसे मज़ा आ रहा था और मैं धकाधक उसे चोद रहा था लगा।कुछ देर बाद हम पसीने से तरबतर हो गए फिर मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा छुटा और उसकी चूत में सारा उड़ेल दिया साथ ही उसका पानी भी निकल गया और हम दोनों चिपटकर सोफे पर लेट गए हम दोनों कि आँखे मदहोशी में मुंद गयी और काफी देर इसी तरह पड़े रहे

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