9/20/13

एक सेक्स कथा


मैं अमित 25 साल, कटनी में रहता हूँ। और मेरा भाई २८ साल का है और एक साल पहले उसकी शादी रागिनी से हुई है। वो एक बड़ी कम्पनी में इंजीनीयर है। उसे ज्यादातर कम्पनी के काम से बाहर जाना पड़ता है। मैं एक कोलेज में पढ़ता हूँ और भैया भाभी के साथ रहता हूँ। शुरू में भैया भाभी ने अपनी मैरिड लाइफ़ को अच्छा टूर मैं मजे किये।लेकिन जब भैया अकेले टूर जाने लगे तो भाभी भैया के टूर से परेशान होने लगी । भैया दो महीने के लिये गये तो मैं और भाभी दोनों ही घर मैं अकेले थे, भाभी बहुत उदास नज़र आने लगी थी। मैं भाभी को खुश करने की कोशिश करता था, लेकिन यह बहुत मुश्किल था। करीब एक माह बीत गया । मैं और भाभी अब अच्छे दोस्त बन गये थे। दोनों ही बाहर जाते थे, घूमते थे मज़े करते थे। कभी कभी मेरे मन में भाभी के साथ सेक्स का ख्याल आते थे लेकिन मैं अपने आप को कंट्रोल करता था। रात को घर में हम दोनों अकेले बहुत सी बातें करते थे,कल रात भाभी ने कुछ सेक्सी बातें की थी। जिससे मैं समझ गया भाभी के मन में मेरे बारे में कुछ चल रहा है। बातें करते समय वो मुझे छूने की कोशिश करती थी मैं मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल करता था। भाभी अब सेक्स की कमी महसूस कर रही थी। भाभी घर में साड़ी में रहती थी, साड़ी में उसके गोल चूतड़ देख कर मेरा लंड तन जाता था। उसकी नाभि, ब्लाउज़ में से दिखने वाली उसकी सेक्सी क्लीवेज, मैं पागल होते जा रहा था। मेरे सामने वो अपने साड़ी का पल्लू जानबूझ कर गिराया करती थी ताकि मैं उसके बड़े स्तन देख सकूँ। शायद वो मुझे पाने के लिये कोशिश रही थी। लेकिन मुझमें हिम्मत नहीं थी कि मैं जाकर भाभी के साथ सेक्स करुं। एक रात को बेडरूम मैं अपने भाभी के बारे में सोच कर अपना लंड हिला रहा था, मेरे कमरे का दरवाज़ा तो बंद था लेकिन मैंने लॉक नहीं किया था। तभी भाभी कुछ काम से मेरे कमरे में बिना खटकाए चली आई, और भाभी को देख के मैं इतना शरमा गया।लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा, अगले दिन मैं कॉलेज से दोपहर को १ बजे घर आया, भाभी ने दरवाज़ा खोला, उसने नीले रंग की शीफ़ॉन साड़ी और सेक्सी स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना हुआ था। उसकी पारदर्शक साड़ी में से उसका सेक्सी बदन साफ़ दिख रहा था। उसने मेरे हाथों से मेरा कॉलेज बैग लिया और मुझे अंदर लेकर दरवाज़ा बंद कर दिया ,और मेरे पास आई, उसने मुझे धक्का दिया और सोफ़े पे गिरा दिया। अब वो मेरी छाती पर बैठ गई और बोलने लगी,“अमित कितने भोले हो, अकेले ही रात को मजे ले रहे थे अपनी भाभी को चोद सकते थे , मैं तुम्हारे लिये पागल हूँ, मैने सोच रही थी कभी तो आ के तुम मुझे ज़रूर चोदोगे। मैं तुम्हारा प्यार पाने के लिये तड़प रही हूँ।मुझे तुम्हारे प्यार की बहुत ज़रुरत है।” फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ से दबा दिये। फिर तो दस मिनट तक वो मेरे और मैं उसके होंठ चूसता रहा। अब मेरा लंड बहुत टाइट हो रहा था। होंठों के बाद वो मुझे हर जगह चूमने लगी, गाल छाती और भी सब जगह। मैं भी उसके गालों को किस करने लगा। चूस के उसके गोरे गाल मैंने रसीले लाल कर दिये। अब वो बहुत गरम हो गई हम दोनों ने कपड़े निकाल दिये,मैं सिर्फ़ मेरे अंडरवीयर में था। और मेरे लंड का आकार साफ़ नज़र आ रहा था। वो देख के पागल हो गई और बोली जब से तुम्हें अपना ये लंड हिलाते देखा है, मैं तो इसके लिये दीवानी हो गई हूँ,और उसने मेरी अंडरवीयर निकाल दी। अब वो मेरा पूरा नंगा लंड देख के जो कि अब ६ ” से बड़ा हो गया था,उसने उसे अपने हाथों से सहलाना शुरु किया और बोली,“तुम्हारा तो तुम्हारे भैया से काफ़ी बड़ा है, लड़कियों को ऐसे बड़े लंड वाले लड़के बहुत पसंद होते हैं !” वो मेरे लंड के साथ खेलती और मस्ती के साथ मुंह में ले लिया। जबकि यह मेरा पहली बार था, मैं ज्यादा देर नहीं रूक पाया, ८ मिनट के बाद मैने कहा- मैं छूटने जा रहा हूँ ! उसने कहा- मुंह के अंदर ही छोड़ देना ! मैने बड़े जोर के साथ अपना वीर्य उसके मुंह में निकाल दिया और उसने वो पूरा निगल भी लिया। अब छूटने की वजह से मेरा लंड फ़िर अपने सामान्य शेप में आ गया। भाभी और मैं बाथरूम में सफ़ाई के लिये चले गये। वहां तो और सेक्सी बातें करने लगी।अब तक उसकी गरमी ठंडी नहीं हुई थी। उसने कहा,“तुम्हारे भैया का लंड तुमसे बहुत छोटा है, और वो मुझे इतना प्यार भी नहीं करते, भैया नहीं थे तो मैं तुम्हारे लिये पागल हुये जा रही थी।और उसने मुझे फिर किस करना शुरु किया। हम एक दूसरे को फिर किस करते रहे फिर मैने बिना रुके उसके ३६ डी साइज़ के सेक्सी बूब्स दबाने सहलाना और किस करने लगा। उसे ज़ोरो से चूसने लगा। वो चीखने लगी- चूसो और अमित आई लव अआआआआअ आईईइ ईइ ऊऊऊह ह्हह्हा आऐइ ईई ईई…ऊओ ऊ…आ आआअ आ आअ। मैने अपना किस जारी रखा , और वो मेरे लंड से खेले जा रही थी। २० मिनट मैने उसके स्तन चूस चूस के लाल कर दिये, अब मेरा लंड फ़िर तन गया था। अब मेरे लंड को उसके चूत में हमला करना था। अपना तना हुआ लंड मैंने उसकी चूत पर रख कर अन्दर करने की कोशिश किया। मेरा लंड मोटा होने के कारण अंदर जाने में थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन २ जोर के झटकों के बाद अंदर चला गया। तब वो चिल्लाई- आआअ आआअ आऐइ ईईईइ ऊऊऊईइ ईईईई माआ आआआ निकालो बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो उसे अलग भी नहीं होने देना चाह रही थी। उसे बहुत मज़े भी आ रहे थे। मेरा लंड मज़ा कर रहा था। मैने उसे लगभग तीस मिनट तक चोदा और उसकी चूत का पानी निकाल दिया फिर हम बाथरूम में एक साथ शॉवर में नहाये, वहां भी मैंने थोड़ी मस्ती की। उस रात को हम दोनों एक ही बेड पे सोये थे एक दूसरे के बाहों में पति-पत्नी की तरह। मेरी भाभी के बदन की आग ठंडी हो रही थी। सुबह को वो फ़िर से मेरे लंड के साथ खेलने लगी, उसकी मस्ती से मैं उठ गया और मेरा लंड भी उठ गया। और फिर एक बार मस्तमस्त चुदाई हुई। वो रात मैं अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं भुला । उसके बाद भाभी को अलग अलग कामसूत्र तरीके से चोदता रहा,,,, लेखक- विक्रांत

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